मंगलवार, 9 सितंबर 2008

धोनी ही क्यों ?

धोनी ही क्यों ?
ये बात तो साफ है की अर्श से फर्श पर लेन के लिए मीडिया अपनी अहम भूमिका निभाता है और अगर इस इस्तिथि में राजनेतिक हस्तक्षेप हो तो सोने पे सुहागा वाली कहावत सटीक बैठती है.
राजीव गाँधी अवार्ड अगर दिया जाना था तो राहुल द्रविड़ को दिया जाना चाहिए था क्योंकि राहुल धोनी से पहले क्रिकेट में पर्तापर्ण किया . द्रविड़ के करियर पर एक नजर डाले तो पते है की १२३ टेस्ट मैच ,ओदी ३३३ टेस्ट में रन १०,१२२ one डे में १०५८५ रन है जिस में टेस्ट में २५ शतक तथा ५१ अर्थशतक है . one डे में १२ शतक और ८१ अर्थशतक है तो हम आकडो पर भी भरोसा करे तो कह सकते है धोनी हो राजीव घंडी अवार्ड गलत मिला . अब धोनी को टेस्ट कप्तानी सँभालने की कमान दी जा रही है . अवार्ड तक तो सही था मगर टेस्ट कप्तानी की बात सही से हज़म नहीं हो रही है .बल्कि अनिल कुंबले टेस्ट में सही कप्तानी कर रहे है . तू भैया ये मीडिया का प्रभाव है या राजनेतिक